Monday, August 15, 2011

कुछ हाइकु

1.
हो न हो आज
कागज की नाव भी
होगी ही पार!

2.
कौन से दिन
रौशनी दिखायेगी
चाँदनी बन!


3.
आंगन मेरे
दाना-दाना ढूँढ़ती
गौरैया डोले

4.
माप ले सारे
श्याम को थे भेजे जो
तन्दुल न्यारे

5.
दाल गली ना
मल्टी के पाउच में
खारा पानी था!

2 comments:

Santosh Kumar said...
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Santosh Kumar said...

बड़ी सुन्दर रचनाएँ हैं, हाइकू शैली में भी बहुत उत्कृष्ट !!

बांटने के लिए धन्यवाद.