बोतल खाली नहीं है
उमेश महादोषी की कविताएं
Sunday, September 26, 2010
कुछ हाइकु
||एक||
टालना छोड़ो
होने दो एक बार
होना है जो भी!
||दो||
अलविदा, हे!
शब्दों का यह गुच्छा
तुम्हारे लिए
||तीन||
फिर मिलेंगे
जो नहीं निभ सका
निभाने उसे
||चार||
मैं देखूं बस
मछली की सूरत
इस झील में
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