Tuesday, December 31, 2013

कुछ हाइकु




01.
समिधा बने
वक्ष पे खड़े वृक्ष
यज्ञ में जले

02.
उड़ता धुआं
पहन लेगा टोपी
किसे था पता!

03.
फुनगी पर
हाथी चढ़ बैठा है
क्या होगा अब!

04.
अलाव जला
लपटें उठी खूब
वर्फ में सनी

05.
पेड़ पे चढ़ा
तरेरता बिलाव
आँख पे आँख!

06.
लौ धधकती
ओस के ईंधन से
दूब जलती

07.
सूखी थी क्यारी 
टोंटी खोल नल की
भूल गये वे...!

08.
चिटकी कली
गेहूँ की बाली पर
बिजली गिरी

09.
नीम की छांव
आम और बबूल
दोनों के गांव!

10.
घूमता शीत
ले हाथ में बन्दूक
कांपती धूप!

11.
नेत्र सूजे हैं
रोई है रात-भर
आज की भोर!

12.
नीम-करेला
दोनों पे फैल गई
अमरबेल!

13.
कुँए का मुँह
ढके तोरई-बेल
बच्चों सा खेल

14.
तन ढके जो
चिथड़े उघाड़ के
ओढ़ाओगे क्या?

15.
कोपलें बोली
मैना संग जंगल
खेलता होली

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